नकली प्रोडक्ट से ठगे गए हैं? जानें What to Do If You Are Scammed by a Fake Product in India

क्या आपने कभी ऑनलाइन या ऑफलाइन शॉपिंग करते समय नकली प्रोडक्ट (Fake Product) खरीद लिया है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं! आजकल नकली सामान की समस्या इतनी बढ़ गई है कि हर दूसरा शॉपिंग करने वाला इसका शिकार हो रहा है। चाहे वह एक महंगा स्मार्टफोन हो, ब्रांडेड कपड़े, या फिर दवाइयां, नकली प्रोडक्ट्स हर जगह मौजूद हैं।
भारत में ऑनलाइन और ऑफलाइन शॉपिंग में नकली सामान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे Amazon, Flipkart, और Meesho पर भी नकली प्रोडक्ट्स की शिकायतें आम हो गई हैं। वहीं, ऑफलाइन मार्केट में तो यह समस्या और भी गंभीर है। लेकिन सवाल यह है कि अगर आप नकली प्रोडक्ट से ठगे गए हैं, तो क्या करें?
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको बताएंगे कि:
- नकली प्रोडक्ट की पहचान कैसे करें?
- अगर आप नकली प्रोडक्ट से ठगे गए हैं, तो क्या करें?
- कानूनी तौर पर अपने अधिकारों का उपयोग कैसे करें?
- नकली प्रोडक्ट से बचने के लिए कुछ आसान टिप्स।
तो, अगर आप भी नकली प्रोडक्ट्स की समस्या से परेशान हैं और इससे निपटने का तरीका जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए ही है। पढ़ते रहें और खुद को सुरक्षित रखें!
नकली प्रोडक्ट की पहचान कैसे करें? (How to Identify Fake Products)
नकली प्रोडक्ट (Fake Product) से बचने के लिए सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि असली और नकली प्रोडक्ट में अंतर कैसे पहचानें। चाहे आप ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हों या ऑफलाइन, यहां कुछ आसान तरीके दिए गए हैं जो आपकी मदद करेंगे:
नकली और असली प्रोडक्ट में अंतर कैसे पहचानें?
- कीमत पर ध्यान दें (Check the Price):
अगर कोई प्रोडक्ट बहुत कम कीमत पर मिल रहा है, तो यह एक रेड फ्लैग हो सकता है। नकली प्रोडक्ट्स अक्सर असली की तुलना में बहुत सस्ते होते हैं। - प्रोडक्ट की क्वालिटी (Quality of the Product):
नकली प्रोडक्ट्स की क्वालिटी आमतौर पर खराब होती है। उदाहरण के लिए, कपड़ों में सिलाई ठीक नहीं होती, इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स में बटन ढीले होते हैं, या पैकेजिंग में गलतियां होती हैं। - ब्रांडेड लोगो और स्पेलिंग (Brand Logo and Spelling):
नकली प्रोडक्ट्स में अक्सर ब्रांड के लोगो में गलतियां होती हैं, जैसे स्पेलिंग मिस्टेक्स या लोगो का रंग और डिजाइन थोड़ा अलग होना।
पैकेजिंग, लोगो, और QR कोड को कैसे चेक करें?
- पैकेजिंग (Packaging):
- असली प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग हाई-क्वालिटी और प्रोफेशनल होती है।
- पैकेजिंग पर बारकोड, MRP, और मैन्युफैक्चरिंग डिटेल्स को ध्यान से चेक करें।
- QR कोड और बारकोड (QR Code and Barcode):
- असली प्रोडक्ट्स पर दिए गए QR कोड या बारकोड को स्कैन करें। अगर यह स्कैन नहीं होता या गलत जानकारी दिखाता है, तो यह नकली हो सकता है।
- कुछ ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स को वेरीफाई करने के लिए ऑथेंटिकेशन टूल्स प्रदान करते हैं, जैसे स्मार्टफोन ऐप्स।
- होलोग्राम और सिक्योरिटी स्टिकर (Hologram and Security Stickers):
- कई ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स पर होलोग्राम या सिक्योरिटी स्टिकर लगाते हैं। इन्हें चेक करें क्योंकि नकली प्रोडक्ट्स में यह फेक या लापरवाही से लगे होते हैं।
अगर नकली प्रोडक्ट से ठगे गए हैं तो क्या करें? (What to Do If You Are Scammed)
अगर आपको लगता है कि आपने नकली प्रोडक्ट (Fake Product) खरीद लिया है, तो घबराएं नहीं। यहां कुछ स्टेप-बाय-स्टेप एक्शन प्लान दिए गए हैं, जो आपकी मदद करेंगे:
Step 1: प्रोडक्ट और बिल की डिटेल्स को सेव करें।
- सबसे पहले, प्रोडक्ट की सभी डिटेल्स (जैसे ब्रांड नेम, मॉडल नंबर, और सेरियल नंबर) को नोट करें।
- बिल या इनवॉइस को सेफ रखें, क्योंकि यह आपकी खरीदारी का प्रूफ है।
- अगर आपने ऑनलाइन खरीदारी की है, तो ऑर्डर आईडी और ट्रैकिंग डिटेल्स को सेव करें।
- प्रोडक्ट की फोटो और वीडियो बनाएं, जिसमें नकली होने के सबूत दिखाई दें।
Step 2: कस्टमर केयर से संपर्क करें और कंप्लेंट दर्ज करें।
- जिस प्लेटफॉर्म या स्टोर से आपने प्रोडक्ट खरीदा है, उनकी कस्टमर केयर से तुरंत संपर्क करें।
- अपनी शिकायत को विस्तार से बताएं और सभी जरूरी डिटेल्स (जैसे ऑर्डर नंबर, बिल नंबर) शेयर करें।
- कस्टमर केयर को प्रोडक्ट की फोटो और वीडियो भेजें, ताकि उन्हें समस्या समझने में आसानी हो।
- अगर आप ऑफलाइन स्टोर से खरीदारी कर रहे हैं, तो स्टोर मैनेजर से बात करें और रिफंड या रिप्लेसमेंट की मांग करें।
Step 3: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Amazon, Flipkart, etc.) पर रिफंड या रिप्लेसमेंट के लिए अप्लाई करें।
- अगर आपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे Amazon, Flipkart, या Meesho से खरीदारी की है, तो उनकी रिटर्न और रिफंड पॉलिसी का उपयोग करें।
- अपने अकाउंट में लॉग इन करें और “माय ऑर्डर्स” सेक्शन में जाएं।
- प्रोडक्ट के सामने “रिटर्न” या “रिप्लेसमेंट” का ऑप्शन चुनें और अपनी समस्या को डिटेल में बताएं।
- अगर प्लेटफॉर्म आपकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लेता है, तो उन्हें ईमेल करें और सबूतों के साथ अपनी केस को मजबूत बनाएं।
Step 4: सोशल मीडिया पर शिकायत करें (Twitter, Facebook)।
- अगर कस्टमर केयर या प्लेटफॉर्म आपकी समस्या का समाधान नहीं करता है, तो सोशल मीडिया का सहारा लें।
- Twitter पर प्लेटफॉर्म या ब्रांड के ऑफिशियल हैंडल को टैग करें और अपनी समस्या को पोस्ट करें।
- Facebook और Instagram पर भी अपनी शिकायत शेयर करें। अक्सर कंपनियां सोशल मीडिया पर जल्दी रिस्पॉन्ड करती हैं।
- अपनी पोस्ट में सभी जरूरी डिटेल्स और सबूत शामिल करें, ताकि आपकी केस मजबूत हो।
कानूनी कार्रवाई कैसे करें? (Legal Steps Against Fake Products)
अगर आप नकली प्रोडक्ट (Fake Product) से ठगे गए हैं और कस्टमर केयर या सोशल मीडिया पर शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है, तो आप कानूनी रास्ता अपना सकते हैं। भारत में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (Consumer Protection Act) के तहत आपके पास कई अधिकार हैं। यहां हम आपको बताएंगे कि कैसे आप कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं:
भारत में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (Consumer Protection Act) के तहत अपने अधिकारों को जानें
- कंज्यूमर के अधिकार (Consumer Rights):
- सुरक्षा का अधिकार (Right to Safety): नकली या हानिकारक प्रोडक्ट्स से सुरक्षा पाने का अधिकार।
- सूचना का अधिकार (Right to Information): प्रोडक्ट की सही जानकारी पाने का अधिकार।
- चुनने का अधिकार (Right to Choose): अच्छी क्वालिटी और कीमत वाले प्रोडक्ट्स चुनने का अधिकार।
- सुनवाई का अधिकार (Right to be Heard): शिकायत दर्ज करने और उस पर कार्रवाई की मांग करने का अधिकार।
- कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019:
- यह एक्ट कंज्यूमर्स को नकली प्रोडक्ट्स, गलत विज्ञापन, और अन्य धोखाधड़ी के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।
- इसके तहत, आप कंज्यूमर कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं और मुआवजे की मांग कर सकते हैं।
कंज्यूमर कोर्ट में केस कैसे दर्ज करें?
- शिकायत लिखें (Write a Complaint):
- अपनी शिकायत को विस्तार से लिखें। इसमें प्रोडक्ट की डिटेल्स, खरीदारी की तारीख, और समस्या का विवरण शामिल करें।
- सभी सबूत (जैसे बिल, फोटो, वीडियो, और कस्टमर केयर कंप्लेंट नंबर) को अटैच करें।
- कंज्यूमर कोर्ट का चयन करें (Choose the Right Consumer Court):
- जिला फोरम (District Forum): 20 लाख रुपये तक के मामलों के लिए।
- राज्य आयोग (State Commission): 20 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के मामलों के लिए।
- राष्ट्रीय आयोग (National Commission): 1 करोड़ रुपये से अधिक के मामलों के लिए।
- शिकायत दर्ज करें (File the Complaint):
- अपने नजदीकी कंज्यूमर कोर्ट में जाएं और शिकायत फॉर्म भरें।
- शिकायत फॉर्म के साथ सभी जरूरी दस्तावेज (जैसे बिल, प्रोडक्ट डिटेल्स, और सबूत) अटैच करें।
- कोर्ट फीस जमा करें (यह आमतौर पर कम होती है)।
- केस की सुनवाई (Case Hearing):
- कोर्ट आपकी शिकायत की सुनवाई करेगा और दोषी पाए जाने पर सेलर या कंपनी को मुआवजा देने का आदेश देगा।
ऑनलाइन शिकायत कैसे करें? (National Consumer Helpline, Consumer Court Online Complaint)
- नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (National Consumer Helpline – NCH):
- वेबसाइट: https://consumerhelpline.gov.in
- NCH पर जाएं और “File a Complaint” ऑप्शन चुनें।
- अपनी शिकायत को विस्तार से भरें और सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
- आपकी शिकायत को संबंधित अधिकारियों के पास भेज दिया जाएगा।
- ऑनलाइन कंज्यूमर कोर्ट (Online Consumer Court):
- वेबसाइट: https://edaakhil.nic.in
- इस पोर्टल पर जाएं और “File a Complaint” ऑप्शन चुनें।
- अपनी शिकायत को विस्तार से भरें और सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
- आपकी शिकायत को संबंधित कंज्यूमर कोर्ट में भेज दिया जाएगा।
- मोबाइल ऐप (Mobile App):
- “Consumer Helpline” ऐप डाउनलोड करें और अपनी शिकायत दर्ज करें।
- यह ऐप आपको शिकायत की स्थिति को ट्रैक करने की सुविधा भी देता है।
नकली प्रोडक्ट से बचने के टिप्स (Tips to Avoid Fake Products)
नकली प्रोडक्ट (Fake Product) से ठगे जाने से बचने के लिए सतर्कता और सही जानकारी बहुत जरूरी है। फर्जी प्रॉपर्टी डील से बचने के टिप्स भी जानें। यहां कुछ आसान और प्रैक्टिकल टिप्स दिए गए हैं, जो आपकी शॉपिंग को सुरक्षित और स्मार्ट बनाएंगे:
1. केवल अथॉराइज्ड सेलर्स और वेबसाइट्स से खरीदारी करें।
- ऑनलाइन शॉपिंग:
- हमेशा अथॉराइज्ड और विश्वसनीय वेबसाइट्स (जैसे Amazon, Flipkart, Nykaa, और ब्रांड की ऑफिशियल वेबसाइट) से खरीदारी करें। अगर आपका गलत बैंक ट्रांजैक्शन हो गया है, तो यहां जानें कि क्या करें।
- अगर आप किसी नई वेबसाइट से खरीद रहे हैं, तो पहले उसकी विश्वसनीयता चेक करें।
- ऑफलाइन शॉपिंग:
- केवल अथॉराइज्ड रिटेलर्स और ब्रांडेड स्टोर्स से खरीदारी करें।
- छोटे और अनजान स्टोर्स से खरीदारी करते समय सावधान रहें।
2. प्रोडक्ट रिव्यू और रेटिंग्स को चेक करें।
- रिव्यू पढ़ें:
- प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसके रिव्यू और रेटिंग्स को ध्यान से पढ़ें।
- नेगेटिव रिव्यू पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि यह नकली प्रोडक्ट्स के बारे में संकेत दे सकते हैं।
- यूजर फीडबैक:
- सोशल मीडिया और फोरम्स पर यूजर्स की राय चेक करें।
- अगर ज्यादातर यूजर्स प्रोडक्ट की क्वालिटी पर सवाल उठा रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं।
3. पेमेंट करते समय सेफ ऑप्शन्स (COD, Secure Payment Gateways) का उपयोग करें।
- COD (Cash on Delivery):
- जहां तक संभव हो, COD ऑप्शन चुनें। इससे आप प्रोडक्ट को चेक करने के बाद ही पेमेंट कर सकते हैं।
- सिक्योर पेमेंट गेटवे (Secure Payment Gateways):
- अगर आप ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं, तो सिक्योर पेमेंट गेटवे (जैसे Paytm, Google Pay, UPI, Net Banking) का उपयोग करें।
- कभी भी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर या अनसिक्योर लिंक्स पर पेमेंट न करें।
4. प्रोडक्ट की पैकेजिंग और डिटेल्स को ध्यान से चेक करें।
- पैकेजिंग:
- असली प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग हाई-क्वालिटी और प्रोफेशनल होती है।
- पैकेजिंग पर बारकोड, MRP, और मैन्युफैक्चरिंग डिटेल्स को चेक करें।
- ब्रांडेड लोगो और स्पेलिंग:
- ब्रांड के लोगो और स्पेलिंग में कोई गलती तो नहीं है, यह चेक करें।
- होलोग्राम और सिक्योरिटी स्टिकर को वेरीफाई करें।
5. प्रोडक्ट की क्वालिटी और कीमत पर ध्यान दें।
- कीमत (Price):
- अगर कोई प्रोडक्ट बहुत कम कीमत पर मिल रहा है, तो यह नकली हो सकता है।
- हमेशा मार्केट प्राइस के साथ तुलना करें।
- क्वालिटी (Quality):
- प्रोडक्ट की क्वालिटी चेक करें। नकली प्रोडक्ट्स की क्वालिटी आमतौर पर खराब होती है।
6. वारंटी और रिटर्न पॉलिसी को चेक करें।
- वारंटी (Warranty):
- प्रोडक्ट की वारंटी पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें। नकली प्रोडक्ट्स में अक्सर वारंटी नहीं होती।
- रिटर्न पॉलिसी (Return Policy):
- ऑनलाइन शॉपिंग करते समय रिटर्न और रिप्लेसमेंट पॉलिसी को जरूर चेक करें।
- अगर सेलर रिटर्न या रिप्लेसमेंट नहीं दे रहा है, तो यह नकली प्रोडक्ट का संकेत हो सकता है।
नकली प्रोडक्ट से ठगे जाने पर कंपनी की जिम्मेदारी (Company’s Responsibility)
नकली प्रोडक्ट्स (Fake Products) की समस्या न केवल कंज्यूमर्स के लिए, बल्कि ब्रांड्स और कंपनियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती है। कंपनियां इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठा रही हैं। यहां हम जानेंगे कि कंपनियां नकली प्रोडक्ट्स के खिलाफ क्या कर रही हैं और आप ब्रांड्स के ऑथेंटिकेशन टूल्स (Authentication Tools) का उपयोग कैसे कर सकते हैं।
कंपनियां नकली प्रोडक्ट्स के खिलाफ क्या कर रही हैं?
- सिक्योरिटी फीचर्स (Security Features):
- कई ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स पर होलोग्राम, सिक्योरिटी स्टिकर, और यूनिक कोड्स लगाते हैं, ताकि नकली प्रोडक्ट्स की पहचान की जा सके।
- उदाहरण के लिए, स्मार्टफोन कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स पर सीरियल नंबर और IMEI नंबर प्रिंट करती हैं।
- ऑनलाइन ऑथेंटिकेशन टूल्स (Online Authentication Tools):
- कई ब्रांड्स ने अपनी वेबसाइट्स और मोबाइल ऐप्स पर ऑथेंटिकेशन टूल्स लॉन्च किए हैं।
- इन टूल्स के माध्यम से आप प्रोडक्ट की जानकारी दर्ज करके उसकी प्रामाणिकता (Authenticity) चेक कर सकते हैं।
- कानूनी कार्रवाई (Legal Action):
- बड़ी कंपनियां नकली प्रोडक्ट्स बनाने और बेचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करती हैं।
- वे नकली प्रोडक्ट्स के खिलाफ रेड्स और सीलिंग ऑपरेशन भी चलाती हैं।
- कंज्यूमर अवेयरनेस (Consumer Awareness):
- कंपनियां कंज्यूमर्स को नकली प्रोडक्ट्स से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाती हैं।
- वे सोशल मीडिया, टीवी, और प्रिंट मीडिया के माध्यम से कंज्यूमर्स को नकली प्रोडक्ट्स की पहचान करने के टिप्स देती हैं।
ब्रांड्स के ऑथेंटिकेशन टूल्स (Authentication Tools) का उपयोग कैसे करें?
- ब्रांड की ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप पर जाएं:
- ज्यादातर बड़े ब्रांड्स (जैसे Apple, Samsung, Nike, Adidas) अपनी वेबसाइट या ऐप पर ऑथेंटिकेशन टूल प्रदान करते हैं।
- इस टूल के माध्यम से आप प्रोडक्ट की जानकारी (जैसे सीरियल नंबर, QR कोड) दर्ज करके उसकी प्रामाणिकता चेक कर सकते हैं।
- QR कोड या बारकोड स्कैन करें:
- कई प्रोडक्ट्स पर QR कोड या बारकोड दिया होता है। इसे स्कैन करके आप प्रोडक्ट की डिटेल्स और प्रामाणिकता चेक कर सकते हैं।
- अगर QR कोड स्कैन नहीं होता या गलत जानकारी दिखाता है, तो यह नकली प्रोडक्ट का संकेत हो सकता है।
- सिक्योरिटी स्टिकर और होलोग्राम चेक करें:
- कई ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स पर सिक्योरिटी स्टिकर और होलोग्राम लगाते हैं। इन्हें ध्यान से चेक करें।
- नकली प्रोडक्ट्स में यह स्टिकर और होलोग्राम फेक या लापरवाही से लगे होते हैं।
- कस्टमर केयर से संपर्क करें:
- अगर आप प्रोडक्ट की प्रामाणिकता चेक करने में असमर्थ हैं, तो ब्रांड की कस्टमर केयर से संपर्क करें।
- उन्हें प्रोडक्ट की डिटेल्स और फोटो भेजें, ताकि वे आपकी मदद कर सकें।
निष्कर्ष (Conclusion)
नकली प्रोडक्ट (Fake Product) से ठगे जाने पर घबराएं नहीं, क्योंकि अब आप जानते हैं कि इस स्थिति में क्या करना है। चाहे वह ऑनलाइन शॉपिंग हो या ऑफलाइन, सही जानकारी और सतर्कता आपको नकली प्रोडक्ट्स से बचा सकती है। इस ब्लॉग में हमने आपको नकली प्रोडक्ट्स की पहचान करने, ठगे जाने पर क्या करें, और कानूनी कदम उठाने के बारे में विस्तार से बताया है।
कंज्यूमर अवेयरनेस (Consumer Awareness) बढ़ाना बहुत जरूरी है। जितने ज्यादा लोग नकली प्रोडक्ट्स के बारे में जानेंगे, उतना ही कम लोग इसके शिकार होंगे। इसलिए, इस ब्लॉग को अपने दोस्तों, परिवार और सोशल मीडिया पर शेयर करें, ताकि दूसरों को भी जागरूक किया जा सके।
अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे शेयर करना न भूलें। साथ ही, अगर आपके कोई सवाल या सुझाव हैं, तो कमेंट करके हमें जरूर बताएं। हमारा उद्देश्य है कि हर कंज्यूमर सुरक्षित और स्मार्ट शॉपिंग कर सके।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
नकली प्रोडक्ट से ठगे जाने पर क्या करें?
यदि आपको नकली प्रोडक्ट बेचा गया है, तो तुरंत विक्रेता या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से संपर्क करें और रिफंड या रिप्लेसमेंट की मांग करें। सबूत के रूप में उत्पाद की तस्वीरें और बिल सुरक्षित रखें।
क्या नकली प्रोडक्ट बेचने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है?
हाँ, आप उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) पर कॉल करें या consumerhelpline.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
ऑनलाइन खरीदे गए नकली प्रोडक्ट के लिए शिकायत कहाँ करें?
यदि आपने ई-कॉमर्स वेबसाइट से नकली प्रोडक्ट खरीदा है, तो सबसे पहले उस प्लेटफॉर्म पर शिकायत करें। अगर समाधान नहीं मिलता, तो आप उपभोक्ता आयोग या साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत कर सकते हैं।
नकली प्रोडक्ट के लिए रिफंड कैसे प्राप्त करें?
यदि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या विक्रेता रिफंड देने से इनकार करता है, तो आप बैंक या यूपीआई ऐप से रिफंड की मांग कर सकते हैं (चार्जबैक या डिस्प्यूट रेजोल्यूशन के जरिए)।
क्या पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं?
हाँ, आप पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं, खासकर अगर यह मामला धोखाधड़ी (IPC 420) के तहत आता है। इसके लिए आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाएं या ऑनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करें।
नकली प्रोडक्ट को पहचानने के लिए क्या करें?
हमेशा प्रोडक्ट की पैकेजिंग, ब्रांड लोगो, सीरियल नंबर और क्यूआर कोड की जांच करें। भरोसेमंद वेबसाइट और अधिकृत विक्रेताओं से ही खरीदारी करें।
नकली प्रोडक्ट बेचने वाली वेबसाइट को कैसे रिपोर्ट करें?
आप nationalconsumerhelpline.in या साइबर क्राइम पोर्टल पर जाकर ऐसी वेबसाइट की रिपोर्ट कर सकते हैं।
नकली दवा या कॉस्मेटिक्स मिलने पर क्या करें?
यदि आपको नकली दवा या कॉस्मेटिक्स मिले हैं, तो तुरंत ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) या राज्य के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को रिपोर्ट करें।
क्या सोशल मीडिया पर विज्ञापित प्रोडक्ट्स भरोसेमंद होते हैं?
नहीं, कई बार सोशल मीडिया पर फर्जी ब्रांड्स नकली प्रोडक्ट बेचते हैं। खरीदारी से पहले ग्राहक समीक्षा और वेबसाइट की प्रामाणिकता जांच लें।
नकली प्रोडक्ट से जुड़ी शिकायत कितने दिनों में हल हो सकती है?
यह केस-टू-केस निर्भर करता है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म आमतौर पर 7-14 दिनों में समाधान देते हैं, जबकि उपभोक्ता फोरम में मामला सुलझने में कुछ महीने लग सकते हैं।