क्या करें यदि पुलिस FIR नहीं लिख रही? – Know How to File a Complaint Against Police in India

कई बार ऐसा होता है कि जब हम किसी अपराध या अन्याय की शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन जाते हैं, तो पुलिस FIR (First Information Report) दर्ज करने से मना कर देती है। यह स्थिति न केवल निराशाजनक होती है बल्कि पीड़ित को न्याय पाने के रास्ते में बाधा भी बनती है। लेकिन चिंता न करें, क्योंकि भारतीय कानून आपको इस स्थिति में कदम उठाने का अधिकार देता है। आइए जानते हैं कि अगर पुलिस FIR दर्ज करने से मना करे तो क्या करें और कैसे आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

FIR क्या है और इसका महत्व क्या है? (What is FIR and Its Importance?)

FIR यानी First Information Report किसी भी अपराध की पहली सूचना होती है, जो पुलिस को दर्ज करनी होती है। यह एक कानूनी दस्तावेज है जो अपराध की शुरुआती जानकारी को रिकॉर्ड करता है। FIR दर्ज होने के बाद ही पुलिस मामले की जांच शुरू करती है। इसलिए, FIR का दर्ज होना न्याय प्रक्रिया का पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।

पुलिस FIR क्यों नहीं लिखती? (Why Does Police Refuse to File an FIR?)

पुलिस FIR दर्ज करने से मना कर सकती है, और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

  • मामले को गंभीर न समझना: कभी-कभी पुलिस छोटे मामलों को गंभीरता से नहीं लेती।
  • काम का बोझ: पुलिस स्टेशनों पर काम का अत्यधिक बोझ होने के कारण वे नए केस दर्ज करने से बचते हैं।
  • राजनीतिक या सामाजिक दबाव: कभी-कभी पुलिस उच्च अधिकारियों या स्थानीय नेताओं के दबाव में FIR दर्ज नहीं करती।
  • अज्ञानता: कुछ पुलिस अधिकारियों को कानूनी प्रक्रिया की पूरी जानकारी नहीं होती।

पुलिस FIR दर्ज करने से मना करे तो क्या करें? (What to Do If Police Refuses to File an FIR?)

अगर पुलिस FIR दर्ज करने से मना करती है, तो आप निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:

a. Written Complaint Higher Authorities Ko Dein (लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों को दें)

अगर लोकल पुलिस स्टेशन में आपकी FIR दर्ज नहीं हो रही है, तो आप लिखित शिकायत (Written Complaint) बनाकर इन अधिकारियों के पास भेज सकते हैं:

  • Superintendent of Police (SP) या Deputy Commissioner of Police (DCP)
  • Inspector General of Police (IGP) या Director General of Police (DGP)
  • Home Ministry को भी शिकायत भेज सकते हैं।

Complaint Likhti Waqt Yeh Points Dhyan Dein:

  • पूरी घटना का स्पष्ट विवरण दें (Date, Time, Place, और Involved लोगों के नाम)।
  • सारे सबूत संलग्न करें (CCTV Footage, Medical Reports, Chats, etc.)।
  • शिकायत पत्र पर हस्ताक्षर करना न भूलें।
  • Registered Post या Email से भेजें ताकि Proof रहे।

Pro Tip: आप अपनी शिकायत को SP/DCP के WhatsApp नंबर पर भी भेज सकते हैं।

b. Online FIR Register Karein (e-FIR Option)

भारत में कई राज्यों में अब e-FIR का option available है। अगर लोकल पुलिस मदद नहीं कर रही है, तो आप Online FIR Register कर सकते हैं।

Online FIR Karne Ke Liye Websites:

Online FIR Karne Ke Steps:

  1. State Police Website पर जाएं।
  2. “Lodge FIR” या “e-FIR” का ऑप्शन चुनें।
  3. अपनी डिटेल्स भरें और सबूत अपलोड करें।
  4. FIR का Reference Number Save करें।

c. Magistrate Ke Samaksh Jaakar Complaint File Karein (CrPC 156(3))

अगर आपकी शिकायत को पुलिस अनदेखा कर रही है, तो आप Judicial Magistrate के समक्ष (Under CrPC 156(3)) शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

Kaise Karein?

  • Section 156(3) CrPC के तहत शिकायत दायर करें।
  • Magistrate को FIR दर्ज करने का आदेश देने की मांग करें।
  • Magistrate पुलिस को कार्रवाई के लिए बाध्य कर सकता है।

Pro Tip: किसी अच्छे वकील से सलाह लें ताकि कानूनी दस्तावेज सही तरीके से तैयार हों।

d. NHRC ya Human Rights Commission Mein Complaint Karein

अगर पुलिस FIR दर्ज करने से इनकार कर रही है और यह मामला मानवाधिकार हनन से जुड़ा हुआ है, तो National Human Rights Commission (NHRC) में शिकायत कर सकते हैं।

NHRC Complaint Kaise File Karein?

  • NHRC की official website पर जाकर online complaint file करें: https://nhrc.nic.in
  • Complaint Speed Post/Registered Post से भी भेज सकते हैं।
  • Complaint में सबूत attach करें और पूरा विवरण दें।

e. High Court Mein Writ Petition File Karein

अगर सभी विकल्प काम नहीं कर रहे हैं, तो आप High Court में Writ Petition (Mandamus) file कर सकते हैं ताकि पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश मिले।

  • Article 226 of the Indian Constitution High Court को अधिकार देता है कि वह Police को FIR register करने के लिए direct करे।
  • Supreme Court के अनुसार Police FIR register करने के लिए bound होती है।

क्या पुलिस FIR दर्ज करने से इनकार कर सकती है? (Can Police Refuse to File an FIR?)

नहीं! Supreme Court ने स्पष्ट किया है कि Police किसी भी संज्ञेय अपराध की FIR लिखने से मना नहीं कर सकती। अगर पुलिस ऐसा करती है, तो यह IPC की धारा 166A के तहत अपराध माना जाएगा और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

कानूनी अधिकार जो आपको पता होने चाहिए (Legal Rights You Should Know)

  • धारा 154, IPC: यह धारा पुलिस को FIR दर्ज करने के लिए बाध्य करती है।
  • धारा 166A, IPC: अगर पुलिस अधिकारी FIR दर्ज करने से मना करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
  • सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पुलिस को FIR दर्ज करने से मना नहीं करना चाहिए, चाहे मामला कितना भी छोटा क्यों न हो।

निष्कर्ष (Conclusion)

अगर पुलिस FIR दर्ज करने से मना करती है, तो यह आपका अधिकार है कि आप कानूनी तरीके से अपनी शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस के इनकार को अंतिम शब्द न मानें। उच्च अधिकारियों, कोर्ट, या वकील की मदद से आप न्याय पा सकते हैं। याद रखें, कानून आपके साथ है, और आपको अपने अधिकारों का उपयोग करना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

यहाँ कुछ सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) हैं जो अक्सर लोगों के मन में होती हैं :

1. पुलिस FIR दर्ज करने से मना कर दे तो मुझे क्या करना चाहिए?

  • यदि पुलिस आपकी FIR दर्ज नहीं कर रही है, तो आप उच्च अधिकारियों जैसे पुलिस अधीक्षक (SP) या उप पुलिस आयुक्त (DCP) को लिखित शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा, आप न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष धारा 156(3) CrPC के तहत आवेदन दायर कर सकते हैं।

2. क्या मैं ऑनलाइन FIR दर्ज कर सकता हूँ?

  • हाँ, कई राज्यों में ऑनलाइन FIR दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध है। आप अपने राज्य की पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर e-FIR दर्ज कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, दिल्ली पुलिस की वेबसाइट https://delhipolice.gov.in पर यह सुविधा उपलब्ध है।

3. FIR दर्ज न होने पर क्या मैं मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर सकता हूँ?

  • यदि आपको लगता है कि FIR दर्ज न होने से आपके मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, तो आप राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) या राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। NHRC की वेबसाइट https://nhrc.nic.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है।

4. क्या पुलिस किसी भी अपराध की FIR दर्ज करने से मना कर सकती है?

  • नहीं, सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, पुलिस किसी भी संज्ञेय अपराध की FIR दर्ज करने से मना नहीं कर सकती। यदि पुलिस ऐसा करती है, तो यह कानून का उल्लंघन है।

5. FIR दर्ज करने के बाद पुलिस को जांच कब शुरू करनी चाहिए?

  • FIR दर्ज होते ही पुलिस को तुरंत जांच शुरू करनी चाहिए। अनावश्यक देरी करना कानून के खिलाफ है।

6. क्या मैं महिला आयोग में शिकायत कर सकती हूँ यदि मेरी FIR दर्ज नहीं हो रही है?

  • हाँ, यदि आपकी FIR दर्ज नहीं हो रही है और मामला महिला से संबंधित है, तो आप राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) या राज्य महिला आयोग में शिकायत दर्ज कर सकती हैं।

7. क्या मैं व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकता हूँ?

  • कई पुलिस विभाग अब व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से शिकायतें स्वीकार करते हैं। आप संबंधित पुलिस विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध संपर्क विवरण का उपयोग कर सकते हैं।

8. क्या मैं सीधे उच्च न्यायालय में जा सकता हूँ यदि मेरी FIR दर्ज नहीं हो रही है?

  • यदि सभी अन्य उपाय विफल हो जाते हैं, तो आप उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर कर सकते हैं ताकि पुलिस को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया जा सके।

9. क्या पुलिस को FIR दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच करने का अधिकार है?

  • सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, संज्ञेय अपराधों में पुलिस को FIR दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच करने की आवश्यकता नहीं है।

10. क्या मैं किसी अन्य थाने में FIR दर्ज करा सकता हूँ यदि मेरा स्थानीय थाना मना कर रहा है?

  • सिद्धांततः, अपराध की घटना जिस क्षेत्र में हुई है, उसी क्षेत्र के थाने में FIR दर्ज होनी चाहिए। हालांकि, यदि स्थानीय थाना मना कर रहा है, तो आप उच्च अधिकारियों या न्यायालय के माध्यम से कार्रवाई कर सकते हैं।

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